Rajasthan News: राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 25 साल में पहली बार घरेलू बिजली दरों में संशोधन किया है, जिससे 300 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वाले परिवारों को कुछ राहत मिली है, लेकिन नियामक अधिभार और स्थायी शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है। नए आदेश के तहत, कुछ श्रेणियों के बिजली बिल कम होंगे, लेकिन कुछ पर अतिरिक्त शुल्क भी लगेगा, जिससे उपभोक्ताओं में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ हैं।
300 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वालों को राहत, लेकिन अतिरिक्त अधिभार भी लागू होगा।
नए टैरिफ आदेश के अनुसार, 300 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली शुल्क कम कर दिया गया है। हालाँकि, ₹1 प्रति यूनिट तक का नियामक अधिभार भी लागू होगा। आधार ईंधन अधिभार सहित स्थायी शुल्क भी बढ़ाए गए हैं। बिजली कंपनियों की बढ़ती लागत को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
छोटे उपभोक्ताओं को भी कुछ राहत मिली है।
बिजली कंपनियों के अनुसार, 300 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 35 से 50 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई है। हालाँकि, इन उपभोक्ताओं पर 70 पैसे से लेकर ₹1 प्रति यूनिट तक का नियामक अधिभार भी लगेगा, जिसका वहन राज्य सरकार करेगी। इस योजना के अंतर्गत लगभग 1.39 करोड़ घरेलू और कृषि उपभोक्ता आते हैं।
बढ़े हुए बिल: 31 लाख से ज़्यादा उपभोक्ताओं पर असर
राज्य में 300 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वाले लगभग 15.37 लाख घरेलू उपभोक्ता और लगभग 16 लाख वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ता अब बढ़े हुए स्थिर शुल्क और नियामक अधिभार के अधीन होंगे। 500 यूनिट से ज़्यादा बिजली खपत करने वाले परिवारों के लिए स्थिर शुल्क ₹100 बढ़ाकर ₹350 कर दिया गया है। इसके अलावा, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें भी बढ़ गई हैं।
दिन के समय (TOD) टैरिफ में बदलाव
नई बिजली दरों के तहत, व्यस्त समय में बिजली के उपयोग पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जबकि दोपहर के समय 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। सुबह 6 बजे से 8 बजे और शाम 6 बजे से 10 बजे के बीच 10 प्रतिशत अधिभार लागू होगा, जबकि दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच बिजली की खपत पर कोई छूट नहीं होगी। यह व्यवस्था विशेष रूप से 10 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले कनेक्शनों पर लागू होगी, जिसका उद्देश्य बिजली भार को संतुलित करना है।
बिजली कंपनियों के दावे और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
बिजली विभाग ने दावा किया है कि पहली बार सभी श्रेणियों में बिजली शुल्क कम किया गया है और टैरिफ संरचना को सरल बनाया गया है। 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को सबसे अधिक लाभ होगा। हालाँकि, कुछ उपभोक्ता चिंतित हैं कि स्थिर शुल्क और अधिभार में वृद्धि से बिजली की लागत बढ़ सकती है।
राज्य में बिजली आपूर्ति लागत अन्य राज्यों से ज़्यादा
राजस्थान में बिजली उत्पादन की लागत 7.96 रुपये प्रति यूनिट है, जो आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से ज़्यादा है। इसी वजह से राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए फिक्स्ड चार्ज, सरचार्ज और सब्सिडी का मिला-जुला फॉर्मूला अपनाया है।